अयोध्या फैसले के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत

by Geethalakshmi 2010-09-30 10:00:07

अयोध्या फैसले के मद्देनजर देशभर में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत




रामजन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवादित स्थल के मालिकाना हक को लेकर इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा गुरुवार को सुनाए जाने वाले ऐतिहासिक फैसले के मद्देनजर राजधानी दिल्ली सहित देश के तमाम भागों में सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए गए हैं और देश के शीर्ष नेतृत्व ने देशवासियों से शांति बनाए रखने की अपील की है.

पिछले दो दशक से देश की राजनीति की दिशा तय करने वाले 2.7 एकड़ भूमि के टुकड़े के मालिकाना हक के फैसले की पूर्व संध्या पर विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं और धार्मिक संगठनों के रहनुमाओं ने सभी वर्गों’ से शांति बनाए रखने की अपील की.

इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनउ पीठ द्वारा फैसला सुनाये जाने के मद्देनजर केन्द्र ने बुधवार को कहा कि उसने कानून व्यवस्था की किसी भी स्थिति से निपटने के लिए सभी राज्यों से पर्याप्त सुरक्षा इंतजाम करने को कहा है. सभी राज्यों से मिली खबरों के अनुसार पूरे देश में सुरक्षा के कडे इंतजाम कर दिये गये हैं. इस बीच सरकार ने मामले के संबद्ध पक्षों और समाज के हर खासो आम से शांति और सद्भाव बनाये रखने की अपील भी की .

उच्चतम न्यायालय द्वारा फैसले की राह की तमाम रूकावटें दूर किए जाने के बाद अब इलाहाबाद उच्च न्यायालय की तीन न्यायाधीशों वाली पीठ गुरुवार अपराह्न साढ़े तीन बजे फैसला सुनाएगी, जिसके लिए अदालत परिसर को छावनी में बदल दिया गया है और वर्जित क्षेत्र घोषित कर दिया गया है.

प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कोई कसर बाकी न छोड़ते हुए देश की जनता से फैसले को स्वीकार करने और शांति एवं सौहार्द बनाए रखने की अपील की है.

उन्होंने साफ तौर पर कहा कि फैसले के बाद कोई भी वर्ग दूसरे वर्ग को भड़काने अथवा नीचा दिखाने वाली कोई हरकत न करे. नेताओं का कहना है कि गुरुवार का फैसला अयोध्या के बारे में अंतिम फैसला नहीं होगा क्योंकि उसके बाद भी उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने का विकल्प खुला होगा.

भाजपा ने भी स्पष्ट तौर पर कहा है कि वह न्यायिक प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और अमन एवं चैन चाहते हैं.

राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद विवाद से संबंधित अन्य अनेक संगठनों ने भी इस बात की पुष्टि की है कि वे न्यायालय के निर्णय का सम्मान करेंगे और यदि उचित होगा तो अपने मामले को कानून के अनुसार आगे बढाएंगे.
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