तीन देवियाँ
स्माइल ‘जगदलपुरी’
नेता
खादी नित पहना करें, सूरत है मनहूस।
तीन देवियाँ साथ हैं, चंदा, थैली, घूस॥
साहब
रिश्वत खाकर बढ़ गया, बड़े साब का पेट।
तीन देवियाँ साथ हैं, चाय, पान सिगरेट॥
थानेदार
छात्र पुलिस संघर्ष में, टूट गई है टाँग।
तीन देवियाँ साथ हैं, व्हिस्की, गाँजा, भाँग॥
क्लर्क
बहे पसीना देह से, तनिक न आवे चैन।
तीन देवियाँ साथ हैं, फाइल, चिट्ठी, पैन॥
छात्र
पीट दिया आचार्य को, करी खोपड़ी ठूँठ।
तीन देवियाँ साथ हैं, हाकी, पत्थर, बूट॥
महिलाएँ
फिल्म देखने को चली, महिलाओं की टीम।
तीन देवियाँ साथ हैं, रूज़, पाउडर, क्रीम॥
गृहस्थ
दर्जन भर बच्चे हुये, किस्मत का है खेल।
तीन देवियाँ साथ हैं, राशन, लकड़ी, तेल॥
पत्नी
घर आने में रात को, पति हो जायें लेट।
तीन देवियाँ साथ हैं, चिमटा, बेलन, प्लेट॥
मुन्ना
भाग गये स्कूल से, देख पिता जी दंग।
तीन देवियाँ साथ हैं, मंझा, डोर, पतंग॥
कुत्ता
मेम साब को देखकर, फौरन पूँछ हिलाय,
तीन देवियाँ साथ हैं, हलवा, रोटी, चाय॥