दोहा संकलन
by Geethalakshmi[ Edit ] 2010-02-15 00:10:55
दोहा संकलन
बंसी वाले मोहना बंसी नेक बजाय।
तेरो बंसी मन हरो घर अँगना ना सुहाय॥
मोर मुकुट कटि काछनी पीताम्बर उरमाल।
यहि बानिक मो मन बसौ सदा बिहारीलाल॥
राधे तू बड़भागिनी कठिन तपस्या कीन।
तीन लोक तारन तरन सो तेरो आधीन॥
वृन्दावन के वृक्ष को मरम न जाने कोय।
डार पात फल फूल में राधे राधे होय॥
भजन करो भोजन करो गावो ताल तरंग।
मन मेरो लागे रहे पारवती शिव संग॥
लंका में गरजे रावना अवधपुरी भगवान।
सात समुंदर बीच में गरज रहे हनुमान॥
सदा भवानी दाहिनी सन्मुख रहे गणेश।
पाँच देव रक्षा करे ब्रह्मा विष्णु महेश॥
चंदा तजे ना चांदनी सूरज तजे ना घाम।
बादल तजे ना श्यामता भक्त तजे ना राम॥
साँच बराबर तप नहीं झूठ बराबर पाप।
जाके हिरदय साँच है ता के हिरदय आप॥